AI-171 क्रैश: अहमदाबाद की उस दोपहर की डरावनी दास्तान

 

अहमदाबाद विमान दुर्घटना: एक भयावह त्रासदी का विस्तृत विवरण

12 जून 2025 को गुजरात के अहमदाबाद में एक भयानक विमान दुर्घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के महज दो मिनट बाद मेघानी नगर के एक रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे ने न केवल विमान में सवार यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को प्रभावित किया, बल्कि उस इमारत को भी भारी नुकसान पहुंचाया, जहां यह विमान जा टकराया। यह लेख इस त्रासदी के विभिन्न पहलुओं, हादसे के कारणों, जीवित बचे लोगों, प्रभावित परिवारों, मृतकों, घायलों और रक्तदान के लिए आए लोगों के बारे में विस्तार से जानकारी देता है।

हादसा कैसे हुआ?

एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, जिसने दोपहर 1:38 बजे अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी, टेकऑफ के लगभग 30 सेकंड बाद ही तकनीकी खराबी का शिकार हो गया। पायलट ने उड़ान भरने के तुरंत बाद 'मेडे' कॉल किया, जो आपातकालीन स्थिति का संकेत देता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विमान ने 400 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भरी और फिर अचानक नीचे की ओर गिरने लगा। विमान मेघानी नगर इलाके में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर जा टकराया, जिसके बाद एक जोरदार धमाका हुआ और विमान आग के गोले में तब्दील हो गया। हादसे के बाद आसमान में काले धुएं का गुबार दिखाई दिया, और मलबे के साथ-साथ शव चारों ओर बिखर गए।

हादसे के कारणों की जांच के लिए विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने औपचारिक जांच शुरू की है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा कि यह जांच निष्पक्ष और गहन होगी, ताकि यह पता लगाया जा सके कि हादसा क्यों हुआ। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विमान में कोई तकनीकी खराबी होने की सूचना टेकऑफ से पहले नहीं थी। हालांकि, ब्लैक बॉक्स (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) के मिलने की बात सामने आई है, जो हादसे के अंतिम क्षणों की जानकारी दे सकता है। अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) भी जांच में सहयोग के लिए भारत आ रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि बोइंग 787 ड्रीमलाइनर के साथ पहले भी कई हादसे हो चुके हैं, जिसके कारण इसकी सुरक्षा पर सवाल उठते रहे हैं। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक बयान हादसे के सटीक कारणों की पुष्टि नहीं करता। कुछ सूत्रों का कहना है कि इंजन में खराबी या पायलट की त्रुटि इस हादसे का कारण हो सकती है, लेकिन यह केवल जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट होगा।

जीवित बचे व्यक्ति

इस भयावह हादसे में चमत्कारिक रूप से केवल एक यात्री जीवित बच पाया। भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार, जो सीट नंबर 11A पर बैठे थे, इस हादसे में जीवित बचने वाले एकमात्र व्यक्ति हैं। अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने बताया कि रमेश को विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले सीट से कूदने में सफलता मिली, जिसके कारण उनकी जान बच गई। वर्तमान में उनका इलाज अहमदाबाद सिविल अस्पताल में चल रहा है। रमेश ने आजतक से बातचीत में बताया कि विमान के उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद एक तेज धमाका हुआ, और इसके बाद विमान तेजी से नीचे गिरने लगा। उन्होंने अपनी जान बचाने के लिए तुरंत प्रतिक्रिया दी और किसी तरह विमान से बाहर निकल गए।

रमेश की कहानी ने पूरे देश में चर्चा का विषय बना दिया। उनके जीवित बचने को एक चमत्कार माना जा रहा है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अस्पताल में रमेश से मुलाकात की और उनकी स्थिति की जानकारी ली। रमेश के परिवार ने भी उनके जीवित बचने पर राहत की सांस ली, लेकिन साथ ही इस हादसे में अपने अन्य परिजनों को खोने का दुख भी व्यक्त किया।

प्रभावित परिवार

  • इस हादसे ने कई परिवारों को पूरी तरह से तबाह कर दिया। विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 चालक दल के सदस्य शामिल थे। इनमें 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, और 1 कनाडाई यात्री थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की भी मृत्यु हो गई, जो अपनी पत्नी और बेटी के साथ लंदन जा रहे थे। उनकी मृत्यु ने गुजरात के राजनीतिक और सामाजिक हलकों में शोक की लहर दौड़ा दी।

    एक विशेष रूप से दुखद कहानी आगरा के नीरज लवानिया और उनकी पत्नी अपर्णा लवानिया की है। यह दंपति अहमदाबाद के वडोदरा क्षेत्र में एक निजी कंपनी में काम करता था और लंदन में अपने परिवार से मिलने जा रहा था। नीरज के बड़े भाई ने बताया कि वे इस हादसे की खबर सुनकर पूरी तरह से टूट गए हैं। परिवार चमत्कार की उम्मीद कर रहा था, लेकिन उनकी मृत्यु की पुष्टि ने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया।

    बांसवाड़ा, राजस्थान की एक डॉक्टर फैमिली भी इस हादसे का शिकार हुई। यह परिवार लंदन में बेहतर जीवन की उम्मीद में भारत छोड़कर जा रहा था, लेकिन उनकी यह यात्रा अधूरी रह गई। परिवार के सभी सदस्यों की मृत्यु ने उनके रिश्तेदारों और दोस्तों को गहरे दुख में डुबो दिया।

बीजे मेडिकल कॉलेज हॉस्टल पर गिरा विमान

विमान मेघानी नगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा, जिसके कारण इमारत को भारी नुकसान पहुंचा। इस हादसे में हॉस्टल में मौजूद कई मेडिकल छात्र और स्टाफ प्रभावित हुए। फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन (FAIMA) के अनुसार, इस हादसे में कम से कम 5 MBBS छात्रों, एक पीजी रेजिडेंट डॉक्टर, और एक सुपरस्पेशलिस्ट डॉक्टर की पत्नी की मृत्यु हुई। इसके अलावा, 60 से अधिक मेडिकल छात्र घायल हुए हैं।

हालांकि, सटीक आंकड़े अभी तक स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन अनुमान है कि इस इमारत में कम से कम 7 लोग मारे गए, जिनमें बच्चे शामिल नहीं थे। हॉस्टल में रहने वाले ज्यादातर लोग युवा मेडिकल छात्र थे, और इस हादसे ने मेडिकल समुदाय को गहरा आघात पहुंचाया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद इमारत में आग लग गई, और कई बहुमंजिला इमारतें, पेड़, और कारें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।

अस्पताल में भर्ती घायल

हादसे के बाद घायलों को तुरंत अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया। गुजरात स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि लगभग 50 घायलों को सिविल अस्पताल में लाया गया, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। अहमदाबाद पुलिस ने 25 घायलों की सूची जारी की है, जिनमें ज्यादातर मेडिकल छात्र और हॉस्टल स्टाफ शामिल हैं।

अस्पताल प्रशासन ने घायलों के इलाज के लिए 1,200 बेड का इंतजाम किया है, और ग्रीन कॉरिडोर बनाकर घायलों को तेजी से अस्पताल पहुंचाया गया। मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा वार्ड में काम करने वाले डॉ. शरीक एम ने बताया कि घायलों में से कई को गंभीर चोटें आई हैं, और कुछ की हालत स्थिर बताई जा रही है।

रक्तदान में उमड़ा जनसैलाब

12 जून 2025 को अहमदाबाद में एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त होने ने भारत को स्तब्ध कर दिया। बोइंग 787-8, जो लंदन जा रहा था, मेघानी नगर में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल पर गिरा, जिसमें 241 लोग मारे गए, केवल एक यात्री जीवित बचा। इस त्रासदी ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी सहित कई परिवारों को छीन लिया।

हादसे में घायल कम थे, लेकिन भारतवासियों की संवेदनशीलता ने मानवता की अनूठी तस्वीर पेश की। 🩸 रेडक्रॉस, ब्लड बैंक, और सामाजिक संस्थाएं तुरंत सक्रिय हो गईं। हजारों लोगों ने रक्तदान के लिए कदम बढ़ाया। इस संकट की घड़ी में मिशन रक्तक्रांति हिंदुस्तान की विचारधारा ने मानवता की सेवा में अद्भुत योगदान दिया। इस मिशन से जुड़े वरिष्ठ रक्तदाता महेंद्र भाई जोशी (डबल सेंचूरियन), जिन्होंने 200 से अधिक बार रक्तदान किया, और वैशाली पंड्या (शतक विरांगना), जिन्होंने 111 से अधिक बार रक्तदान कर एक मिसाल कायम की, ने सैकड़ों लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित किया। अहमदाबाद सिविल अस्पताल और रेडक्रॉस, ब्लड बैंक में 500 से अधिक लोग रक्तदान के लिए उमड़े। मिशन रक्तक्रांति हिंदुस्तान का उद्देश्य स्वैच्छिक रक्तदान को बढ़ावा देना और इसे सामाजिक कर्तव्य के रूप में स्थापित करना है। महेंद्र भाईर वैशाली पंड्या की अगुवाई में यह मिशन युवाओं और समुदायों को रक्तदान की महत्ता समझाने में सफल रहा। सोशल मीडिया पर उनकी अपील ने #AhmedabadPlaneCrash ट्रेंड को और प्रभावी बनाया, जिसने लोगों की संवेदनशीलता को उजागर किया। ❤️ यह हादसा दुखद था, लेकिन इन रक्तदाताओं ने अपनी निस्वार्थ सेवा से भारत की एकजुटता और करुणा की मिसाल पेश की।

यह दृश्य सिर्फ एक हादसे की रिपोर्ट नहीं, बल्कि भारत की एकजुटता और करुणा का प्रतीक है। ❤️ सोशल मीडिया पर #AhmedabadPlaneCrash ट्रेंड ने लोगों की भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को उजागर किया। यह हादसा दुखद था, लेकिन अहमदाबादवासियों की मानवता ने उम्मीद की किरण जगाई।

💜 “एक बूँद रक्त – सौ जीवनों का संबल।”
💜 “संकट में सेवा ही सच्चा राष्ट्रधर्म है।”

सरकार व नेताओं की प्रतिक्रियाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से बात की और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। पीएम मोदी स्वयं अहमदाबाद पहुंचे और घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने सिविल अस्पताल में घायलों से मुलाकात की और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और अस्पताल में भर्ती एकमात्र जीवित यात्री रमेश विश्वास कुमार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि हादसे में आग इतनी भीषण थी कि अधिकांश लोगों को बचाने की कोई गुंजाइश नहीं थी।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस हादसे पर शोक व्यक्त किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार से प्रभावित परिवारों की मदद और जांच की मांग की।

राहत व बचाव कार्य

हादसे के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), सेना, और फायर ब्रिगेड की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंचीं। 40 से अधिक एंबुलेंस और 7 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आग बुझाने और मलबे को हटाने में जुटीं। मेघानी नगर इलाके को सील कर दिया गया, और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए गए।

सिविल अस्पताल में मृतकों की पहचान के लिए डीएनए जांच की प्रक्रिया शुरू की गई। जिन शवों की पहचान हो चुकी है, उन्हें उनके परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।


अहमदाबाद विमान दुर्घटना देश के सबसे घातक हवाई हादसों में से एक है, जिसने न केवल यात्रियों और उनके परिवारों को प्रभावित किया, बल्कि मेघानी नगर के स्थानीय समुदाय और मेडिकल कॉलेज के छात्रों को भी गहरा आघात पहुंचाया। इस हादसे ने विमानन सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं, और जांच के परिणामों का इंतजार पूरे देश को है। रमेश विश्वास कुमार का जीवित बचना एक चमत्कार है, लेकिन सैकड़ों परिवारों का दुख इस त्रासदी की गहराई को दर्शाता है। रक्तदान के लिए उमड़े लोगों ने दिखाया कि विपत्ति के समय में भी मानवता जीवित है। सरकार और समाज को मिलकर इस दुखद घटना से प्रभावित लोगों की हर संभव मदद करनी होगी, ताकि वे इस दर्द से उबर सकें।

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